PM मोदी ने लॉकडाउन (Lockdown) को तत्काल बढ़ाकर 3 मई करने का ऐलान तो पिछले 14 अप्रिल को ही कर दिया था लेकिन जिस तरह से संक्रमन बढ़ रहा है, संभावना ये भी है की लॉकडाउन को 3 मई के बाद भी जारी रखा जाए. लॉकडाउन 3 मई के बाद भी देश भर में खुलने के संभावनाएँ तो कहीं से नहीं दिख रही क्योंकि कल यानी शनिवार को देश भर में 2013 नाए मामले समने आए हैं ऐसे में लॉकडाउन खुलने या लॉकडाउन में ढील मिलने की उम्मीद करना कठिन है. हालाँकि ग्रीन ज़ोन में आने वाले ज़िलों में कल यानी 20 अप्रिल से थोरी राहत ज़रूर मिल सकती है.
ख़बर है की 3 मई को अगर लॉकडाउन आनसिक रूप से खुल जाता है फिर भी ट्रेनें चलने की संभावनाएँ बहुत कम है यहाँ तक की हवाई टिकट की बुकिंग पर भी रोक लगा दी गयी है. ग़ौरतलब हो की कोरोना संक्रमन के फैलने का सबसे प्रमुख वजह संक्रमित वक्तियों का यात्रा करना है. इसलिए फ़िलहाल कुछ और समय तक लॉकडाउन जैसी स्थिति बनी रहने की संभावना है.
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की बैठक में कहा गया कि इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय की राय पर ही अंतिम निर्णय होगा. ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स यात्री गाड़ियां शुरू करने के पक्ष में नहीं है. रेल गाड़ियों में सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन संभव नहीं है. वहीं एअर इंडिया तथा दूसरी प्राइवेट एयरलाइंस को तीन मई के बाद की बुकिंग न करने को कहा गया है.
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज, रविवार को स्पष्ट तौर पर कहा है कि केंद्र सरकार ने रेल या विमान यात्री सेवाओं का परिचालन शुरू करने का अभी कोई निर्णय नहीं किया है. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने रेल या विमान जैसी यात्री सेवाओं को शुरू करने के बारे में कोई समयसीमा तय की है, जावड़ेकर ने बताया इन्हें एक न एक दिन शुरू होना है लेकिन किस दिन होंगी, उसके बारे में अभी कुछ नहीं कह सकते. इस बारे में चर्चा करना अभी व्यर्थ है क्योंकि हम प्रतिदिन दुनिया की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और रोज कुछ न कुछ नये सबक मिल रहे हैं. इस तरह से हम आगे बढ़ रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के बातों से ट्रेन और हवाई यात्रा शुरू होने की कोई संभावनाएँ नहीं दिख रही, जाहिर है की केंद्र सरकार दुनियाँ के अन्य देशों में कोरोना वाइरस से हो रही तबाही को देखते हुए हर सम्भव सावधानी बरतनी चाह रही है. अच्छी बात है की भारत सरकार पुरे मामले को बहुत गम्भीरता से ले रही है और यही कारण है की अभी भी भारत बाक़ी देशों और कई विकसित देशों से कहीं अधिक अच्छी स्थिति में है.