प्रधानमंत्री मोदी ने रामलीला मैदान की रैली में यह जानकारी दी कि भारत के मुख्य युद्धपोत आईएनएस विराट का इस्तेमाल राजीव गाँधी ने अपने निजी मनोरंजन और छुट्टियों के लिए किया तो बहुत लोगों की तरह मुझे भी लगा की यह अक आरोप मात्र है. लेकिन भाषण के थोड़ी ही देर अधिकतर पत्रकार और मीडिया इस बात को नकार नही सकी. इंडिया टुडे की एक स्टोरी शेयर की गई जिसमें राजीव गाँधी के कथित मनोरंजक छुट्टियों की पूरी जानकारी विस्तृत रूप से दी गई है.
इंडिया टुडे मैगजीन की जनवरी 31, 1988 की एक रिर्पोट के अनुसार, अनिता प्रताप ने इस पूरे ‘हॉलीडे’ का ब्यौरा दिया है. उन्होंने लिखा है कि राजीव गाँधी की पूरी कोशिश थी कि प्रेस उनसे दूर रहे लेकिन इंडियन एक्सप्रेस एवं बाकी मीडिया के फ़ोटोग्राफ़र ने कई तस्वीरें निकाल लीं. रिपोर्ट के अनुसार भारतीय नौसेना के युद्धपोत का इस्तेमाल हुआ. इंडिया टुडे संपादक शिव अरूर ने अपने ट्विटर अकाउंट से वह रिपोर्ट भी शेयर किया.
Regarding Modi’s reference to the Gandhis ”using” @IndianNavy aircraft carrier INS Viraat in the eighties for a holiday to Lakshadweep, he was referring to this, reported at the time by @IndiaToday’s Anita Pratap. https://t.co/lhF9GSsQGq pic.twitter.com/7T1JTilLff
— Shiv Aroor (@ShivAroor) May 8, 2019
मेहमानों की सूची में राहुल और प्रियंका के चार दोस्त, सोनिया गाँधी की बहन, बहनोई और उनकी बेटी, उनकी विधवा माँ आर. मैनो, उनके भाई, सांसद अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया और उनके बच्चे अभिषेक श्वेता, अमिताभ के भाई अजिताभ की बेटी और इसके आलावा मेहमानों में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण सिंह के भाई बिजेंद्र सिंह की पत्नी और बेटी थीं.
ANI संपादक समिता प्रकाश जी ने जानकारी दी की जब इससे जुड़ा सवाल पर मिनिस्ट्री ऑफ़ डिफेन्स ने इस बात को नाकारा नही जो इसकी पुष्टि करता है.
Yes, it was reported. And never denied by MoD. https://t.co/Qww0JNe10B
— Smita Prakash (@smitaprakash) May 8, 2019
बीबीसी के हिंदी संस्करण में छपे खबर में इसकी जानकारी देते हुए बात गया है कि इसमें जो लोग शामिल थे, वो सभी ख़ुद इतने हाईप्रोफ़ाइल थे कि यह ख़बर दब न सकी. राहुल और प्रियंका के चार दोस्त, सोनिया गांधी की बहन, बहनोई और उनकी बेटी, सोनिया गांधी की मां, उनके भाई और मामा शामिल थे. इस दौरे में राजीव गांधी के करीबी मित्र अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया बच्चन और तीन बच्चे भी शामिल थे. इन बच्चों में अमिताभ के भाई अजिताभ की बेटी भी शामिल थी.
राजीव और सोनिया गांधी 30 दिसंबर 1987 को दोपहर में ही इस खूबसूरत द्वीप पर पहुँच गए थे, जबकि अमिताभ बच्चन एक दिन बाद कोचीन-कावारत्ती हेलीकॉप्टर उड़ान से वहाँ पहुँचे थे.
बंगाराम द्वीप पर अमिताभ बच्चन की यात्रा की खबर को दबाने की कोशिश की गई थी, लेकिन कावारत्ती के छोटे से द्वीप में अमिताभ की मौजूदगी उस वक्त जाहिर हो गई जब अमिताभ के हेलीकॉप्टर को बंगाराम से कुछ दूर कारावत्ती में ईंधन भरवाने के लिए उतरना पड़ा.
बाद में अमिताभ जब छुट्टियां मनाकर वापस लौट रहे थे तो कोचीन एयरपोर्ट पर इंडियन एक्सप्रेस के एक फोटोग्राफर ने उनकी तस्वीर ले ली. अमिताभ इसे लेकर नाराज़ भी हुए और फोटोग्राफ़र को चेतावनी भी दी थी.
भारत के सबसे उन्नत युद्ध पोत का इस तरह से निजी कार्यों के लिए इस्तेमाल बहुत शर्मनाक और चिंता का विषय है चाहे वो प्रधानमंत्री ही क्यों ना हो. सेना प्रधानमंत्री की नही देश की होती है यह पिछले कुछ दिनों से भारतीय मीडिया के लगभग सभी बहस का अहम हिस्सा रहा है. यह सही भी है, यही कारण था की जब योगी ने मोदी की सेना कहा था तो बहुत बड़ा विवाद हुआ था. सभी ने उसकी उसकी निन्दा की थी यहाँ तक की केन्द्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा था ऐसा बयान देशद्रोह जैसा है. समझने की बात यह की जब बयान के ऊपर इतनी तीखी प्रातक्रिया आयी थी तो यह यह कितना सवेदनशील मुद्दा है.
इस तरह से युद्ध के साजोसामान का निजी समारोह में इस्तेमाल करना दिखता है की उस समय देश के सारे संशाधनो पर राजीव का एकाधिकार था जो पुराने समय की याद दिलाता है जब साम्राज्यवाद हुआ करता था और राज्य उनकी निजी सम्पति मानी जाती थी. एक लोकतान्त्रिक व्यवस्था में ऐसे किसी भी कृत के लिए कोई भी जगह नही है. मोदी का आरोप शायद सत्य है जिसे किसी रणनीति के तहत अभी सामने रखा गया है.