क्या आम आदमी पार्टी के एक और नेता की होगी आज गिरफ़्तारी?

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क्या आम आदमी पार्टी के एक और नेता की होगी आज गिरफ़्तारी? अब सवाल है क्या किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है? पढ़ें पूरी खबर... will-ed-arrest-delhi-cm-arvind-kejriwal-today-IndiNews

आम आदमी में एक के बाद एक नेताओं की हो रही गिरफ़्तारी. उसी कड़ी में अब आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है. कयास लगाया जा रहा है की आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) गिरफ़्तार कर सकती है. केजरीवाल को ED ने आज 2 नवंबर को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले पूछताछ के लिए समन जारी किया है. कथित शराब घोटाले में केजरीवाल को दूसरी बार पूछ ताछ के लिए बुलाया गया है, इससे पहले इसी मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अप्रैल में उनसे पूछताछ की थी. सीबीआई ने केजरीवाल से 9 घंटे तक पूछताछ की थी.

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी का मकसद आम आदमी पार्टी को खत्म करना है.

अब सवाल है क्या किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है?

कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर की धारा 135 के तहत प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य, मुख्यमंत्री, विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को गिरफ्तारी से छूट मिली है. ये छूट सिर्फ सिविल मामलों में है, क्रिमिनल मामलों में नहीं. धारा 135 के तहत संसद या विधानसभा या विधान परिषद के किसी सदस्य को गिरफ्तार या हिरासत में लेना है तो सदन के अध्यक्ष या सभापति से मंजूरी लेना जरूरी है. धारा ये भी कहती है कि सत्र से 40 दिन पहले, उस दौरान और उसके 40 दिन बाद तक ना तो किसी सदस्य को गिरफ्तार किया जा सकता है और ना ही हिरासत में लिया जा सकता है. यही नहीं, संसद परिसर या विधानसभा परिसर या विधान परिषद के परिसर के अंदर से भी किसी सदस्य को गिरफ्तार या हिरासत में नहीं ले सकते, क्योंकि इन सभाओं में अध्यक्ष या सभापति का आदेश चलता है.

लेकिन धारा 135 के तहत प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य, मुख्यमंत्री, विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को संरक्षण सिर्फ सिविल मामलों में है क्रिमिनल मामलों में नहीं. यानी क्रिमिनल मामलों में गिरफ़्तारी हो सकती है महज बाध्यता यह है की गिरफ़्तारी की अधिकारिक जानकारी अध्यक्ष या सभापति को दी जाती है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ED के नोटिस पर बयान देते हुए कहा, “यह साफ नहीं है कि आपने मुझे किस नाते समन भेजा है, एक गवाह के तौर पर या फिर संदिग्ध के तौर पर, समन में डिटेल भी नहीं दी गई. यह भी नहीं बताया गया कि मुझे व्यक्तिगत तौर पर बुलाया गया है या फिर मुख्यमंत्री के तौर पर या फिर आम आदमी पार्टी के मुखिया के तौर पर. जिस दिन ED द्वारा समन जारी किया गया उसी दिन भाजपा नेताओं ने बयान देना शुरू किया कि मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.”

केजरीवाल ने आगे कहा, “मेरी छवि को खराब करने के लिए 30 अक्टूबर की शाम को भाजपा नेताओं को ED का समन लीक किया गया. 30 अक्टूबर की दोपहर मनोज तिवारी भाजपा संसद में बयान दिया था कि मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक हूं और पांच राज्यों में चुनाव होने हैं जहां प्रचार करने के लिए मैं स्टार प्रचारक हूं. मुझे इन राज्यों में यात्रा करनी है और अपने कार्यकर्ताओं को राजनीतिक मार्गदर्शन देना है. मुझ पर प्रशासनिक और आधिकारिक जिम्मेदारियां हैं जिसके लिए मेरी उपस्थिति आगामी दिवाली आगामी दिवाली के दौरान भी आवश्यक है. केजरीवाल ने ED से समन वापस लेने की मांग की है. इसके साथ ही समन को राजनीति से प्रेरित नोटिस बताया.”

केजरीवाल को ईडी के समन पर आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “ये बात देश ही नहीं पूरी दुनिया देख रही है कि केंद्र सरकार सत्ता के नशे में चूर है. उन्हें इतना घमंड हो गया है कि वो हर छोटे दल को कुचलना और मसलना चाहते हैं. आप एक बढ़ती हुई राष्ट्रीय पार्टी है और बीजेपी सरकार इसे कुचलने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है.”