विभिन्न राज्यों में 91 फीसदी तक मामले केवल तबलीगी जमात से जुड़े, जानें अन्य प्रमुख आंकरें

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upto 91 percent corona positive are jamati in states

किसी सरकार की प्रयसों पर पानी फेर देना किसे कहते हैं ये तबलीगी जमात वालों ने भारत में करके दिखा दिया. मोदी सरकार समेत सभी राज्य सरकारों ने कोरोना से लड़ने के लिए एक के बाद एक बड़े क़दम उठाए है, यही कारण है की जमातियों के द्वारा देश भर में कोरोना फैलाने के बावजूद हालात नियंत्रण में है.

जिस कोरोना वाइरस से लड़ने में अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप के देशों में अनियंत्रित है उसे भारत ने बहुत हद तक नियंत्रित कर लिया है, इसे शायद अब तक पूरी तरह नियंत्रित कर लिया जाता अगर जमातियों ने कोरोना को राज्य-राज्य और शहर-शहर नहीं पहुँचाया होता तो. वामपंथी या एक खास धर्म से एक तरफा तथा विशेष सहानुभूति रखने वाले लोगों का आरोप है की लगभग सभी मीडिया और देश के एक बड़े हिस्से द्वारा तबलीगी जमात को ज़िम्मेदार बनाकर एक खास तबके को टार्गेट किया जा रहा है. परंतु आंकरों पर ध्यान दें तो सब साफ़ हो जाता है की कैसे जमातियों ने कोरोना वाइरस [COVID19] के खिलाफ सरकार और सुरक्षाबलों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. और इस सच के बारे मीन मुखर होकर बोलना कही से भी किसी खास वर्ग या समूह को निशाना बनाना नहीं है, यह एक सच्चाई है की जमातियों की मूर्खता धार्मिक अंधेपन के कारण हज़ारों लोगों की जानें गयी है और हज़ारों की जान अभी भी ख़तरे में हैं.

एक आंकरे के मुताबिक़ देशभर के COVID19 के कुल पॉजिटिव मरीजो में से लगभग 30 फीसदी मरीज केवल तबलीगी जमात से जुड़े हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 4 हज़ार से ज़्यादा मामला तब्लीगी जमात से जुड़े हैं और सम्पर्क में आए 40 हज़ार से ज़्यादा लोगों को क्वारेंटीन किया गया है. अब तक के आंकड़ों में 4291 मामले दिल्ली के निज़ामुद्दीन के तब्लीगी से जुड़े हैं. NDTV में आए रिपोर्ट के अनुसार असम के 91 फीसदी, तमिलनाडु के 84 फीसदी, अंडमान के 83 प्रतिशत, तेलंगाना के 79 फीसदी, दिल्ली के 63 प्रतिशत, मध्य प्रदेश के 61 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश के 59 फीसदी मामले तब्लीगी से जुड़े हैं.

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Photo Credit: deccanherald.com

जब लगभग सभी प्रभावित क्षेत्रों में तबलीगी जमात वाले कोरोना वाइरस [COVID19] को फैलाने में बढ़चढ़ कर अगुवाई कर रहे हैं तो कोरोना की गम्भीरता को समझने वाले लोग जमातियों पर ऊँगली क्यों नहीं उठाए और क्यों सरकार ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई नहीं करे जो इलाज में सहयोग के बदले पागलों जैसी हरकत कर रहे, डॉक्टर और सुरक्षाकर्मियों पर हमले कर रहे, ऐसे लोगों को कैसा बख्सा जा सकता है जो जान-बूझकर सूचनाएँ छुपा रहा हो, जो धर्म प्रचार के नाम पर देश भर में जानलेवा कोरोना वाइरस [COVID19] फैला रहा हो.

स्वास्थ विभाग के अनुसार, कोरोना से जिन लोगों की जाने गयी है उनमे कुल 83 फीसदी लोगों को पहले से भी कोई ना कोई बीमारी थी. मरने वालों में 4.4 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जिनकी उम्र 0 से 45 साल के बीच है, 45 से 60 साल के बीच 10.3 प्रतिशत, 60 से 75 साल के बीच 33.1 प्रतिशत लोगों की मौत हुई है. वहीं 60 साल से ज़्यादा उम्र वालों की मरने का प्रतिशत 75.3 है और 42.2 प्रतिशत मौत 75 साल से ज़्यादा उम्र वालों की हुई है.